BSE, NSE can do a good for helpless world while trading...


सरल भाषा में तो इसे कहें कि सट्टे को घर घर फैला दिया जाए तो आपत्ति क्या है? पर सट्टा किस पर हो इसका निर्णय कर लिया जाए। गाँव के बच्चों की शिक्षा पर सट्टा करो, स्कूल के रिजल्ट पर सट्टा करो, पूर्ण साक्षरता के दर्जे पर सट्टा करो, विषय वार प्रवीणता पर सट्टा करो, खेलों के व्यक्तिगत और दलगत प्रदर्शन पर सट्टा करो, वार्डों, शहरों की सफाई पर सट्टा करो, राज्यों की सफाई के स्तर पर सट्टा करो, स्वास्थ्य के स्केल बनाओ और उन पर सट्टा करो, क्राइम फ्री शहर, प्रांत आदि पर सट्टा करो। अरे गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं क्रीड़ाओं में द्यूत क्रीड़ा मैं हूँ। दुनिया में होने वाली प्रतिदिन कुल बिलिंग का आकलन किया जाए तो ये कपड़े, रोटी, मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए नही होती बल्कि शेयर मार्केट, कॉमोडिटी एक्सचेंज, खेल पर सट्टे आदि पर होती है। जीवन में आने वाले आर्थिक भूचाल इस सट्टे की ही कृपा से आते हैं। क्यों कि यह वासुदेव कृष्ण का ही शक्ति रूप है। जो वस्तु, सेवा (एनर्जी, मनोरंजन) इसके आश्रय आ गये वे कीमती हो गये। सब लोग उसे पाने के लिए लालायित हो उठे। अब सोचिये... सामाजिक मुद्दों के परफोर्मेंस इंडीकेटर बना दिये जाएं, इंडेक्स बना दिये जाए तो क्या सब उस इंडिकेटर पर काम करने लगेंगे या नही? फ्यूचर एण्ड ऑप्शन ट्रेडिंग, कॉल और पुट की इंट्रिंसिक वेल्यु और टाइम वेल्यु की गणना कर सकने में सक्षम लोग, फोर्वार्ड मार्केटिंग कमीशन और सेबी जैसे नियामक प्राधिकरण चाहे तो आसमान से तारे तोड़ कर ला सकते हैं। घर घर सर्वे करा लो चाहे, पूरा देश राजी होगा इस सट्टे के लिए। एन एस ई, बी एस ई जैसे निगमों का भी अस्तित्व धन्य हो जाएगा। सेबी बोर्ड के एक सदस्य एजुकेशन सर्टिफिकेट की रिपोजिट्री बनाने की कल्पना कर रहे हैं। ये जिनके मन में आई है उन तक ये सम्वाद पहुँचे तो मैं इस काम के लिए उनसे चेयर स्पोंसरशिप और सेक्रेटेरियल किसी सक्षम आदमी के लिए चाहूँगा। धरती पर इंडिया राज करेगा ...