सफल जीवन के 25 लक्षण...

सफल जीवन के 25 लक्षण...


·         आपके जीवन में नाटकीयता नही है।
·         धन भले ही ना हो पर शान से जीवन जी रहे हैं।
·         मदद मांगते हुए संकोच नही करते।
·         जहाँ आप रहते हैं घर का सा अहसास होता है।
·         आपके जीवन के मानदण्ड हर दिन ऊँचे होते जा रहे हैं।
·         दुखी करने वाली बातों की आप परवाह नही करते।
·         शीशा देख कर आपने कभी खुद पर गर्व किया है।
·         आपको आत्मग्लानि नही है और आप हर दिन और अधिक सकारात्मक विचार से लबालब होते हैं।
·         आपने जान लिया है कि संकट और असफलता विकास के आवश्यक चरण है।
·         संकट के समय आपको किसी भी समय समाज सहायता को तैयार है।
·         मित्र, जीवन साथी और परिवार के सदस्य आपसे प्यार करते हैं।
·         जिसे आप बदल नही उसे स्वीकार कर लिया है और जो आपको मंजूर नही उसे बदलने के लिए संकल्प लिया है।
·         आप शिकायत नही करते बल्कि समाधान तलाशते हैं।
·         आप माता पिता को कोसते नही हैं, वे जैसे भी हैं उनका सम्मान करते हैं।
·         दूसरे क्या सोचते हैं इसकी परवाह करनी आपने बन्द कर दी है।
·         खर्चे बढ़ जाएं और चलते रहे तो प्रसन्न रहते हैं।
·         दूसरे की सफलता पर भी आप उत्सव मना सकते हैं।
·         आप अपने प्रति सम्वेदनशील हैं और दूसरे से अपनी भावनाएं बाँट सकते हैं।
·         आप अपनी धुन के पक्के हैं।
·         आप अपनी प्रशंसा स्वीकार कर लेते हैं।
·         जीवन में कुछ तो है जिसकी आपको परवाह है।
·         जीवन में कुछ लक्ष्य हासिल किये हैं और पाना चाहते हैं।
·         दूसरों से आपको सहानुभूति है।
·         आप अपने काम को समर्पित हैं।
·         आप दूसरों से प्यार करते हैं और लोगों से प्यार पाने के लिए खुले हैं।  
सुरेश कुमार शर्मा 9929515246

How our health system works...

( रसायन उद्योग के विकास में किये गये सारे प्रयास को आज स्वास्थ्य सेवा के नाम पर किया गया प्रयास कहा जाता है। )
कल्पना करें एक ऐसी दुनिया की जहाँ किसी तरह से जुग़ाड़ लगा कर सरकार की सहायता से निर्माता लोग घरों में दरवाजे के अन्दर का लॉक लगाना बैन कर दे। समय गुजरने के साथ ही लोग भूल जाएं कि दरवाजे के अन्दर का लॉक लगाया जाना सम्भव है। अब इस दुनिया में किस प्रकार की घटनाएं होंगी? सोचो... कोई चोर घर में घुसेगा, चोरियाँ बढ़ेगी तो सरकार अभियान चलाएगी... निहत्थे आने वाले चोरों से कैसे निपटें - ट्रेनिंग होगी, खास तरह के हथियार बिकेंगे, लड़ना सिखाया जाएगा। फिर, लाठी लेकर आने वाले चोरों से कैसे निपटें - ट्रेनिंग होगी, खास तरह के हथियार बिकेंगे, लड़ना सिखाया जाएगा। फिर, बन्दूक लेकर आने वाले चोर से कैसे निपटें - ट्रेनिंग होगी, खास तरह के हथियार बिकेंगे, लड़ना सिखाया जाएगा।
 जिन लोगों ने घर के अन्दर लॉक लगाना समाज को भुला दिया वे अब चोरों के प्रकार और उनसे निपटने के विभिन्न हथियारों और ट्रेनिंग पर खूब निवेश करेंगे और सरकार की चिंता में शामिल हो कर सच्चे दिल से समाज को सहयोग करेंगे ताकि समाज सुख से रह सके। अरबों का बिजनस होगा, खरबों के वारे न्यारे होंगे। चालाक व्यापारी चोरों को भी बढ़ावा देंगे और हथियार बनाने वालो के लिए भी धन मुहैया कराएंगे।
 अब अगर कोई सरकार को याद दिलाए कि इस उद्योग को बन्द क्यों नही करते... लोगों के घरों में अन्दर का ताला क्यों नही लगवाते ... क्यों जनता का सुख चैन छीन रखा है? उनके पसीने की गाढ़ी कमाई केवल चोरों से रखवाली पर खर्च हो रही है आप कुछ सोचते क्यों नही?
तो जिन लोगों के दरवाजे के खुले रहने में हित हैं वे लोग इस आवाज को कतई उभरने नही देंगे। वे चोरों के प्रकार, नये हथियार आदि पर इतना जोर से चिल्लाएंगे कि घर के अन्दर का ताला लगाने का कोमल स्वर द्ब कर रह जाएगा।
 वे लोग जिनके हित इस बात में है कि दरवाजे पर अन्दर से ताले ना लगने चाहिए... वे जब भी अन्दर से ताला लगाने की किसी भी योजना के समय घरों में घुस कर जानबूझ कर ऐसी वारदात को अंजाम देंगे कि झल्ला कर समाज, सरकार और उद्योगपेशंट मिल कर ताला लगाने के आइडिया पर निन्दा प्रस्ताव ले आएंगे।
 दोस्तों ! ये कल्पना चित्र मात्र कल्पना नही है, हकीकत में आपके साथ विश्वभर में किया जा रहा है...
रोग प्रतिरोधक शक्ति आपके स्वास्थ्य का आंतरिक लॉक है जिसके खिलाफ किसी भी वायरस, बैक्टीरिया और फंगस की औकात नही कि आपका स्वास्थ्य खराब हो जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकारों के स्वास्थ्य बजट जिससे लोगों की रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होना चाहिए उस सारी धन शक्ति, समय, श्रम आदि का प्रयोग नित नये एंटी बैक्टीरिया, एंटी वायरस एंटी फंगस रसायन इजाद करने पर खर्च किया जा रहा है। रसायन उद्योग के विकास में किये गये सारे प्रयास को आज स्वास्थ्य सेवा के नाम पर किया गया प्रयास कहा जाता है।

How stupid we are?

घर फूँक तमाशा देखने की लत शराब पीने की लत से भी बुरी लत है। पर घर घर में आज ऐसा हो रहा है... किसी भी स्कूल में चले जाएं। आपके बच्चे सामुहिक नकल कर परीक्षा में नम्बर ला रहे हैं। शिक्षक दिखावे के लिए नाराज होते हैं। सोचो किसी व्यापारी की दुकान पर लोग खाली थैलियाँ लेकर उन पर वजन की पर्ची लगा कर घर ले जा रहा हो, सामान कुछ तोल कर देना ही ना पड़ॆ तो ? दुकानदार इस पागल ग्राहकों के नगर में दुकान खोलेगा या नही? अच्छे नम्बर की मार्कशीट ले कर बच्चे खुश, माँबाप खुश तो इसे घर फूँक तमाशा देखने की लत नही तो और क्या नाम दोगे?
जिम्मेदार तो वे है जो शिक्षा के उपभोक्ता है, परीक्षा के दिनों में होना तो ये चाहिए कि माँ बाप स्कूल जाकर बच्चों के और विद्यालय के पास बैठ कर सही तुलाई करा कर लाए...

बाल श्रम, बाल शोषण नही बाल कौशल है ये...

दुनिया में जिसे बाल शोषण, बाल श्रम के नाम से बदनाम किया गया है उस प्रणाली को बाल कौशल के नाम पर भारत में भी संरक्षण मिलना चाहिए। चीन की तरह उद्योगों और शिक्षण संस्थानों में साझेदारी होनी चाहिए। कार्य दशाएं चाहे वयस्क की हो चाहे बालक की अगर मानवीय सम्मान के अनुकूल नही है तो उसके लिए कड़े दण्ड के प्रावधान होने चाहिए। युरोप और अमेरिका की औद्योगिक नीति के भरोसे तो आज भी दुनिया उन साधनों से वंचित रहती जो ग्रामीण स्तर तक पहूँच गये हैं। क्या चीन सस्ती दर पर उत्पाद कर इंक्लूसिव ग्रोथ का काम नही कर रहा? उसकी खामियों पर सवाल उठाने से इंकार नही है पर पेटेण्ट और रॉयल्टी कानूनों की आड़ में पश्चिमी जगत तो नपुँसक बीज बेचने जा रहा है, उनकी तो इच्छा है कि उनकी मर्जी के बगैर कोई अपनी जमीन पर खेती भी ना करे।
अरे मनोविज्ञान बदलो भाई... दुनिया अपने आप बदल जाएगी।

Support movement... Psychology is the subject of 21st Century.

We lost Education in Classification of Information. 

Information leads us from literacy to specialization only. 
A journey from literacy to a specialization in schools and universities is not education.

Unfortunately some opportunists are indoctrinating society in the name of education with various institutions.

An educator opens the doors of knowledge; the other closes all but the one he wants his followers to pass through!

Education is a process for self identification. It is a wonderful journey. 

I propose a never before solution... Engineering of Psychoware & Somatoware. 

It is going to be industry of future.

Proposed Engineering is total solution for all walks of life and beyond.

Our body as a gifted bio-computer consist of touchable parts, say blood, bone etc. it is somatoware and untouchable parts, say life energy, emotions, skill, attitude etc, as psychoware. 

Configuration of our existence having five sensory organs, mind as an information trasnformator convert info time and info space in real time and real space. 

Religion, Traditions, Philosophies and Cultures are working environment same as windows in our computer. It is upto us what we want out of it. 

We are continuously using, changing or upgrading this bio-computer to benefit ourselves and society. 

Nature propose and dispose it. 

Our Formal Education is a systematic industry to develop, change or upgrade all. 

With all these information I humbly propose to look in the matterwith a never before vision. It is going to be industry of Psychoware and Somatoware. 

Life Coaching is a growing segment of global economy. Please take charge to lead India. 

I personally expect a sponsorship for a chair in some university. 

I would highly appreciate if you announce a university dedicated to the issue. 

Without Psychology society is no more, we are just media driven animals. 

Thanks.   

Sponsor A Teacher.

Bank Particulars... 

Name : Suresh Kumar Sharma

Bank : Union Bank of India, Churu - Rajasthan (INDIA)

Saving Bank A/c No. 592002010001242IFSC : UBIN 0559202