Hit right on the nail...




Hit right on the nail...
(क्रिकेटमैनिया?)  
अगर अनपढ़ मा से पूछा जाए कि इन दो आदमियों में से वह किसे मजदूरी देना पसन्द करेगी? 1. घर के आगे सफाई करने के लिए कोई मजदूर दिन भर से लगा हुआ है। 2. घर के सामने मैदान में कोई नामचीन तथाकथित खिलाड़ी क्रिकेट खेल रहा है। स्वभाविक है कि वह घर के आगे काम कर रहे मजदूर को मजदूरी देना पसन्द करेगी।
अब सवाल ये है कि पढ़ाई लिखाई ने देश की युवा पीढ़ी को ऐसा क्या दिया कि वह मजदूर का साथ देने के बजाय, मा के काम में हाथ बंटाने के बजाय निठ्ठाला बैठा टीवी के सामने मैदान में खेलते (?), पगलाए कुछ नामचीन पागलों की बेवकूफाना हरकत से सम्मोहित हो कर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं?
जीवन ऊर्जा को धन में रूपांतरण का फार्मूला सीख कर इस बात को आसानी से समझा जा सकता है...
समृद्धि = समय X दर (मूल्य प्रति सेकेण्ड)
रूपये = सेकेण्ड X रूपये प्रति सेकेण्ड
? = 86400 (24घण्टे X 60 मिनट x60 सेकेण्ड) X रूपये प्रति सेकेण्ड
मित्रों, गणित के अनुसार समृद्धि बढ़ाने के लिए इस सूत्र में स्पष्ट है कि या तो समय का मान बढ़े या दर बढ़े।
दर बढ़ने का तो सरल सा सूत्र समझ में आता है कि समाजोपयोगी काम किया जाए। काम जितना कीमती होगा समाज उसकी दर उतनी ही अधिक देगा। मजदूर की मजदूरी की दर उतनी नही होगी जितनी किसी डॉक्टर की होगी या किसी वकील की होगी। अर्थात शिक्षा मनुष्य के समय को कीमती बना देती है।
अब, जीवन में प्रत्येक मनुष्य को ईश्वर ने प्रतिदिन 86400 सेकेण्ड दिये हैं।
क्या ये सम्भव है कि कोई व्यक्ति अपने जीवन का एक सेकेण्ड भी निकाल कर किसी दूसरे को दे दे?
धार्मिकों के अनुसार तो सांस भगवान ने लिख कर दी है आप किसी को भी अपना समय नही दे सकते। परंतु मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी और को समय दिया जा सकता है, किसी का समय चुराया जा सकता है। समय का आदान प्रदान सम्भव है।
अब देखिये इस कहानी का उदाहरण ... हालाँकि मा की नजर में मजदूर की कीमत मैदान में खेलते दसवीं पास महान क्रिकेटर की कीमत से ज्यादा है। ये सही भी है।
केवल मुर्खता पूर्ण तर्कों से ही केवल सिद्ध किया जा सकता है कि नही मैदान में खेलता दसवीं पास क्रिकेटर ज्यादा कीमती है।
और ये मुर्खता मिलती है हमारी शिक्षा प्रणाली से...
निश्चित ही मजदूर की कीमत किसी खिलाड़ी से ज्यादा है परंतु अब देखिये किस तरह से इस मूर्खता को महिमामण्डित किया गया है कि क्रिकेट के बिना जीवन अधूरा है, समाज अधूरा है। सोचिये एक मैंच पाँच दिन, एक दिन या तीन घण्टे चलता है और करोड़ों लोग आँख फाड़ कर टेलेविजन के आगे बैठ कर देखते हैं तो वह समय किस की भेंट चढ़ गया? आपने किसी सीख के उद्देश्य से कोई वीडियो देखना हो तो बात सीखने के साथ ही समाप्त हो जानी चाहिए। पर नशेड़ी बन कर जिन्दगी केवल क्रिकेट पर दाँव लगा देने का अर्थ ये हुआ कि आपका कीमती समय अब आप का नही रहा। आपका समय एक खास मनोवैज्ञानिक तरीके से आपसे छीन लिया गया है। ये अमीरों के दवारा गरीबों के समय पर डाला गया डाका है। अमीर आदमी सीधे आपकी जेब से पैसा निकाल कर नही ले जाता। वह जो तकनीकें अपनाता है वह मनोवैज्ञानिक तकनीकें अपनाता है। जिनसे आपको लगता है कि जैसे आपने अपनी आजादी और पूर्ण होशोहवास से अपने जीवन का निर्णय लिया है, जब कि निर्णय किसी और की मर्जी से लिया जाता है।खैर... जब करोड़ों लोग क्रिकेट देखने बैठते हैं तो मैदान में खेलता खिलाड़ी उस समय पर डाका डाल रहा होता है। अरबों सेकेण्ड उसकी भेंट चढ़ जाते हैं। अब वह खिलाड़ी विज्ञापन दाताओं के पास जाता है और कहता है कि देखो अपना उत्पाद प्रचारित करना है तो पैसा दो मेरे मैदान में आपके होर्डिंग लगाउंगा, शर्ट पर लोगों छपाऊँगा, प्लेन के टिकट बिकवाऊँगा, होटलों की बुकिंग कराऊँगा, जीत हार के कयास लगाने वालों की भी जेब रणनीतिक ढ़ंग से खाली कराऊँगा।
ऊपर दिये गणित के फार्मूले के अनुसार उनकी अमीरी इसलिए नही बढ़ रही कि वे मजदूरा से ज्यादा कीमती काम कर रहे हैं। हालाँकि अनपढ़ मा सही है उस बेवकूफ खिलाड़ी की दर मजदूर की दर से कम है परन्तु उसने फार्मुले में सेकेण्ड जो महज 86400 थे वे चुरा कर अरबों कर दिये। इस तरह से वह मजदूर से भी ज्यादा अमीर हो गया।
घर में लाचार अनपढ़ मा सिर पीट कर रह जाती है कि कोई डाकू मेरे बच्चे का अपहरण कर के तो नही ले गया पर मेरे घर बैठे बैठे ही मेरे बच्चे का समय चुरा कर लिए जा रहा है। ( इसे कहते हैं आँख से काजल निकाल कर ले जाना और पता भी ना चलना)
देश के युवा का समय चुरा ले जाने वाली ये लॉबी सरकार से भी ज्यादा शक्तिशाली है।
जिस किसी भी समझदार खेल मंत्री ने इस सोच को प्रचारित करने की कोशिश की उसे अपने पद से हाथ धोना पड़ा है।
(अगर क्रिकेट खेलने से ही कोई अमीर हो जाता हो तो जरा दिन भर खेल के मैदान में हाथ आजमा कर देखो - अमीर हो सकते हो क्या? जबकि सैंकड़ों लोग दावा करते हैं कि वे मैदान में खेलते खिलाड़ी से बेहतर खेल सकते हैं।)
सुरेश कुमार शर्मा 9929515246