एक कैदी ने जेल की दीवारों पर लिखा था कि ईश्वर अगर कहीं है तो उसे आकर मुझसे माफी माँगनी होगी... आपकी मान्यता क्या है?


हजारों उत्तर जानकर ज्ञानी होने से ज्यादा कीमती है कुछ सवाल अपने मन में जिन्दा रखना और उनके किसी भी उत्तर से संतुष्ट ना होना। बल्कि उन प्रश्नों के और अधिक सटीक उत्तर तलाश करना। यह प्रक्रिया आपके जीवन में निरंतर निखार लाने लगती है। आपकी शक्ति, स्वास्थ्य, समृद्धि, आकर्षण, सम्मान, प्रभाव, समझ, आनन्द, सफलता, सुख, सौंदर्य, सम्बन्ध, ईश्वर कृपा, स्वंत्रता,   
1.         अपनी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ जाने में क्या आपको डर लगता है? क्यों?
2.      अगर ईश्वर आपके सामने आए तो आपको वह सबसे पहले क्या कहेगा?
3.      क्या ईश्वर कर्मों का तत्काल फल देता है? या समय आने पर? स्पष्ट करें।
4.      अगर कोई साथ हो तो बोल कर अपनी प्रार्थना कर सकते हो? क्यों?
5.      अपने भीतर विचार और ईश्वर की आवाज में आप अंतर कैसे करते हैं?
6.      अगर चमत्कार देखना हो तो ईश्वर से इस समय आप क्या प्रार्थना करेंगे?
7.      ईश्वर के होने पर आपको सन्देह होने लगता है। कुछ कारण बताएं।
8.      ईश्वर आपके अधीन होता तो आप उसे क्या करने का आदेश देते?
9.      अपने जीवन में किसी चमत्कार का वर्णन करें।
10.    अगर पहचान करनी हो कि आगंतुक धार्मिक है, तो क्या चिन्ह देखते हैं?
11.  कभी आपने ध्यान किया है? अनुभव बताएं।
12.  क्या आपने दीक्षा या गुरूमंत्र लिया है? आपके लिए ये कितना महत्वपूर्ण है?
13.  जीवन को पवित्र बनाने के लिए आप क्या क्या करते हैं?
14.  कब आपको लगा कि जैसे साक्षात ईश्वर आपके साथ खड़ा था?
15.  आपके पिता ने आपकी धार्मिक मान्यता को किस हद तक प्रभावित किया है?
16.  किस वजह से आप अक्सर ईश्वर को धन्यवाद देते हैं?
17.  आपकी राय में सनातन धर्म में बहुत खामियाँ है? या बहुत खूबियाँ है?
18.  जीवन में आपकी कोई महत्वपूर्ण प्रार्थना जिसे ईश्वर ने सुन लिया हो?
19.      आपने अपना धर्मग्रन्थ पढ़ा है? कितनी बार? इसे पढ़ने की मन में क्यों आती है?
20.  कोई एक बात बताएं जो ईश्वर के सम्बन्ध में आपको कभी भी समझ नही आती।
21.  अपने धार्मिक होने की आप क्या दूसरों से तुलना करते हैं? क्यों?
22.  ईश्वर की कृपा के लिए आप किन बातों का अवश्य पालन करते हैं?
23.  आपको लगता है कि पाप करोगे तो आप ईश्वर से दूर हो जाओगे? क्यों?
24.  जीवन में जब घटनाएं आपके अनुसार ना हो तो क्या ईश्वर से नाराज होते हो? क्यों?
25.  जीवन, मृत्यु और सृष्टि की उत्पत्ति के प्रश्न कभी मन में आते हैं? क्या इनकी उपेक्षा कर देते हो? क्यों?
26.  आपकी धार्मिक मान्यता आपके जीवन को किस तरह प्रभावित कर रही है?
27.  एक प्रश्न पूछें जिसके लिए आप मानते हैं कि केवल भगवान ही उत्तर दे सकता है।
28.  प्रार्थना कब व कैसे करते हो? इसके लिए क्यों प्रेरित होते हो?
29.  एक से दस के स्केल पर आप कितना अपने को ईश्वर के समीप पाते हो?
30.  ईश्वर को पाने की अपनी प्यास को एक से दस के स्केल पर नापो।
31.  अपने सम्प्रदाय के बारे में अपनी समझ को एक से दस के स्केल पर नापो।
32.  कोई ऐसा मोका याद करो जब आपको लगा हो कि जैसे ये तो ईश्वर का निर्देश मिला था।
33.  ईश्वर पर विश्वास और अविश्वास से आपके जीवन पर कितना प्रभाव पडता है?
34.  ईश्वर से आपको क्या भय लगता है?
35.  ईश्वर पर विश्वास करना कठिन कब हो जाता है?
36.  अगर मित्र को समझाना हो ईश्वर के बारे में तो आप कैसे स्पष्ट करोगे?
37.  अगर ईश्वर इस जगत का पालनहार है तो एक से दस के स्केल पर वह आपको कितना खयाल रखता है?
38.  आपको कोनसा भय सताता है कि जिससे आपको लगता है कि अब तो ईश्वर ही मददगार है?
39.  ईश्वर दुःखों का अंत क्यों नही करता?
40.  कोई ऐसा अवसर बताओ जब लगा हो कि साक्षात ईश्वर ने ही मदद की थी।
41.  गीता में कृष्ण के दावे पर कि केवल मेरी शरण में आ जाओ आपके सब दुःखों का अंत हो जाएगा आपकी क्या राय है?
42.  आध्यात्मिक विकास में आपकी सबसे बड़ी बाधा क्या है?
43.  एक से दस के स्केल पर आध्यात्मिक विकास की यात्रा में आप किस पड़ाव पर हैं?
44.  कार के उदाहरण से समझाओ कि आपके जीवन में ईश्वर कहाँ है? (ड्राइवर सीट, बैक सीट, हैड लाइट, डैशबोर्ड आदि)
45.  आध्यात्मिक समझ बढ़ाने की आपकी इच्छा में प्रमुख बाधा क्या है?
46.  स्वर्ग में कोन जाएगा? क्यों?
47.  अगर ईश्वर को आकर दुःखों का अंत करना हो तो वह मनुष्य जाति के लिए क्या करेगा? किस स्थिति में मनुष्य जाति सुखी और आत्मनिर्भर हो जाएगी?
48.  धरती पर आपको नरक का अनुभव कब हुआ?
49.  आपकी राय में ईश्वर दुष्टों का संहार अभी क्यों नही कर देता?
50.  डकैती, दुर्घटना, हत्या, बलात्कार आदि अवसरों पर ईश्वर कहाँ चला जाता है?
51.  अगर आज मृत्यु हो जाए तो आप स्वर्ग जाना पसन्द करोगे? क्यों?
52.  अगर रूप से सिद्ध हो जाए कि ईश्वर है तो आप उससे क्या रिश्ता बनाना पसन्द करोगे?
53.  आपके सम्प्रदाय के आदेशानुसार आप ईश्वर पर यकीन करें तो क्या यह आपका जीवन प्रभावित करता है?
54.  किसी आध्यात्मिक अनुभव का वर्णन करें।
55.  इन दिनों आप किन धार्मिक प्रश्नों से परेशान हैं?
56.  अक्सर आप क्या प्रार्थना करते हैं?
57.  कौनसे धार्मिक अनुभव ने आपके जीवन को सबसे अधिक प्रभावित किया?
58.  ईश्वर की अपनी वर्तमान धारणा से आप कितने संतुष्ट हैं? किन हालात में आपका यह विश्वास टूट जाएगा?
59.  धार्मिक आदमी के कोनसे काम ईश्वर को स्वर्ग ले जाएंगे? अधर्मी आदमी क्या क्या नही करता?
60.  क्या ये सम्भव है कि लोग अपनी आत्मा खोकर दुनिया के सुख बटोर लेते हैं?
61.  दुनिया के सारे सुख भोग करते हुए भी क्या कोई अपनी आत्मा बचाए रख सकता है?
62.  ईश्वर अपनी परम कृपा कैसे प्रदर्शित कर सकता है?
63.  कौनसी धार्मिक पंक्तियाँ आपको अत्यंत प्यारी लगती है? क्यों?
64.  अपने धर्म ग्रंथ का कौनसा हिस्सा आपको सबके लिए कल्याणकारी लगता है? जिसे आप कण्ठस्थ नही कर पा रहे?
65.  कोनसी निर्णायक घड़ी थी जब आपको लगा कि मैं निर्णय नही ले पा रहा, ईश्वर को ही ये काम करना उचित होगा। क्या नतीजा रहा?
66.  स्कूली कक्षा के आधार पर अपनी धार्मिक यात्रा का वर्णन करो। ( पहली, सेकेंड्री, स्नातक आदि)
67.  अपने ईश्वर के किस कथानक पर आपको सबसे ज्यादा हैरानी होती है? (उनके जीवन काल की कोई घटना)
68.  आपकी समझ से आपके सम्प्रदाय का केन्द्रीय सन्देश क्या है?
69.  अपना कोई धार्मिक पक्ष बताएं जिसे आपके अधिकाँश मित्र-रिश्तेदार नही जानते।
70.  ठीक इस समय आपको ईश्वर क्या कह रहा है?
71.  मरते समय ईश्वर आपको क्या कहेगा?
72.  आपके ईश्वर ने जन्म क्यों लिया था? आपका जन्म क्यों हुआ?
73.  ईश्वर के होने से आपको कोनसी एक बात दुःखी करती है? अगर ईश्वर नही है तो कौनसी एक बात आपको दुःखी कर रही है?
74.  पुनर्जन्म के बारे में आप क्या कहेंगे?
75.  आपका ईष्ट आपका क्या लगता हैं?
76.  मरते ही भगवान से पहला प्रश्न क्या करोगे?
77.  आपके धार्मिक प्रदर्शक की क्या योग्यताएं होनी चाहिए?
78.  ईश्वर आप पर सबसे ज्यादा क्या कृपा करते हैं?
79.  किस धटना या समझ से आपका सबसे अधिक आध्यात्मिक विकास हुआ?
80.  कब आपकी प्र्रार्थना क्रोध और दुःख में बदल गई थी?
81.  अपने किसी धार्मिक भ्रम/मान्यता का वर्णन करो जो अब टूट गया हो।
82.  अपने किसी सांसारिक भ्रम/मान्यता का वर्णन करो जो अब टूट गया हो।
83.  क्या आप धार्मिक चर्चा दूसरों के साथ सहजता से कर लेते हैं?
84.  क्या आपको किसी धार्मिक मित्र/सहयोगी की तलाश है?
85.  क्या सम्भव है कि किसी एक की कृपा अनंत के दुःखों का हरण कर लेती है?     
86.  क्या धार्मिक मान्यताएं सुरक्षा की झूठी दीवार है? अपने आंतरिक जीवन को आप कैसे सम्भालना चाहेंगे?
87.  पुनर्जन्म नही होता इस मान्यता पर आप कितना यकीन करते हैं? क्यों? अथवा क्यों नही?
88.  कोई आध्यात्मिक जानकारी/अनुभव बताओ जो आप अपने जीवन में चूक रहे हो।
89.  मन्दिर जाने से कोई धार्मिक नही हो जाताबताइये सच है या झूठ? क्यों?
90.  पाप क्या है?
91.  पाप का क्या फल होता है? अगर होता हो तो।
92.  क्या ईश्वर की उपेक्षा की जा सकती है/तटस्थ रहा जा सकता है?
93.  आपकी सबसे बड़ी धार्मिक चुनौती/दुविधा क्या है?
94.  कृष्ण के अवतार का सबसे बड़ा कारण क्या था?