देश में गोडसे के समर्थन में एक बड़ी जमात खड़ी हो गई है । कुछ लोग कहते हैं इनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस चलाया जाना चाहिए । एक ऐसी जमात भी खड़ी है जो महिषासुर का समर्थन कर रही है। कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बार रावण जलाया नहीं जाएगा बाढ़ में जल समाधि लेगा। एक दूसरा वर्ग ऐसा भी है जो रावण के जलाए जाने पर एफ आई आर दर्ज करवाएगा। दुराचार और कुतर्कों की इस बाढ़ में राम भी जल समाधि ले लेता है। राक्षस वे हैं जो मनुष्य जाति की सांस्कृतिक विविधता को नष्ट करने पर तुले है। इन राक्षसों का शिखर नेतृत्व रावण है। शुद्र वे हैं जो महज जिंदा रहने के लिए इन राक्षसों के साथ हो गए, सत्ता की प्यास में या मूर्खतावश सेक्युलरिज्म का आवरण ओढ़े हैं ये मक्कार अपना चेहरा दर्पण में भी नही देखना चाहते। सांस्कृतिक प्रतीकों का अपमान करना अपनी ही ठोकर में अपना सिर रखने की कोशिश है। सेक्युलरों की यही पहचान है। राक्षसगण इनके साथ मिलकर ही सांस्कृतिक विविधता पर हमला करते हैं।