सैंकड़ों प्रश्न जो जीवन बदल देते हैं ... मनोविज्ञान, धर्म या जीवनविज्ञान?



ये प्रश्न आपके जीवन में निरंतर निखार लाने लगते हैं। आपकी शक्ति, स्वास्थ्य, समृद्धि, आकर्षण, सम्मान, प्रभाव, समझ, आनन्द, सफलता, सुख, सौंदर्य, सम्बन्ध, ईश्वर कृपा, स्वंत्रता,... जो चाहो मिलेगा। बस इतना करें -   हजारों उत्तर जानकर ज्ञानी होने से ज्यादा कीमती है कुछ सवाल अपने मन में जिन्दा रखना और उनके किसी भी उत्तर से संतुष्ट ना होना। बल्कि उन प्रश्नों के और अधिक सटीक उत्तर तलाश करना। आप नीचे लिखे प्रश्नों पर धैर्य पूर्वक विचार करें, अपने उत्तर तैयार करें। अपने उत्तर से संतुष्ट ना हो जाएं। ओर अधिक जिज्ञासा करें, पढ़ें, समझें, फिर पढ़ें, फिर समझें ... परस्पर विचार करें, साहित्य पढ़ें, उपयुक्त व्यक्तियों से मिलें।


दुनिया में इतने धर्म क्यों है?  
क्या सभी धर्म समान है? क्यो? भिन्न है तो कैसे?
क्या आपको लगता है कि धर्म केवल भावुक लोगों के लिए है? क्यों?
स्वर्ग कैसा है?
गीता के बारे में अधिकाँश लोगों की क्या धारणा है?
ईश्वर के सम्बन्ध में अधिकाँश लोगों ने क्या भ्रम पाल रखे है?
क्या धर्म ग्रंथ ईश्वर का मनुष्य से बात करने का एक जरिया है?
क्या आप अवतारों पर यकीन करते हैं?
विभिन्न सम्प्रदायों के धर्म स्थलों के बारे में आपकी क्या राय है?
ईश्वर हमसे दूर क्यों है? क्या पास है? कैसे?
क्या अधिकाँश लोग धार्मिक है? या नास्तिक? क्यों?
जो आपसे भिन्न धार्मिक मत के लोग हैं उनके बारे में आप क्या सोचते हैं?
क्या ईश्वर का अस्तित्व है? या ईश्वर नही है? क्यों?
अगर ईश्वर ना हो तो हमारी दुनिया में क्या बदलाव आएंगे?
अगर ईश्वर हो तो हमारी दुनिया कैसी होगी?
क्या ईश्वर मनुष्य की धारणा है?
क्या ईश्वर मर गया?
लोग इतने आस्तिक क्यों होते हैं?
लोग नास्तिक क्यों होते हैं?
ईश्वर में यकीन करना क्या बौद्धिक आत्मघात है? कैसे? कैसे नही?
क्या ईश्वर के अस्तित्व को समझना सबके लिए सम्भव है? कैसे? नही तो क्यों?
क्या कारण है कि दुनिया की हर संस्कृति में ईश्वर की धारणा है?
धर्म की कौनसी बात आपको सबसे ना पसन्द है?
क्या धर्म का होना आवश्यक है? क्यों?
ईश्वर के कौनसे लक्षण आपको बताए गए हैं जिन पर आप को यकीन नही होता?
धर्म क्या व्यक्तिगत मसला है? क्यों? क्यों नही?
चमत्कारों में आप यकीन करते हैं? क्यों? क्यों नही?
क्या ईश्वर हमारे दैनिक कामों में दखल देता है? क्यों?
ईश्वर हमारे दैनिक काम से कोई वास्ता नही रखते? क्यों?
आपका धर्मग्रन्थ एक ऐतिहासिक ग्रंथ है? आप कितने आश्वस्त हैं? सब काल्पनिक है?
अमरता क्या है? स्पष्ट करो।
आपने कितने धर्म मार्गों का अध्ययन किया है? कौनसा सबसे अच्छा है?
आपने आस्था विषयों पर कितनी पुस्तकें पढ़ी है? अपनी पसंद बताएं।
महापुरूष जिसे आप सबसे अधिक प्रभावशाली मानते हैं?
अब तक का आपका सबसे अधिक समझदार आस्थावान मित्र कौन है? कैसे?  
इस लोक के आपके जीवन में और मरने के बाद के आपके जीवन में तुलना का अनुमान करो।
अपने आत्मा होने का खयाल आपको कब व कितने अंतराल से आता है?
आध्यात्मिक होने से आपका क्या आशय है?
धार्मिक मतभेद ना हो तो क्या युद्धों का अंत हो जाएगा? क्यों?
क्या प्राकृतिक आपदाएं ईश्वर की देन है?
मनुष्य धर्म और आस्था के विषय में जीवन में कब व कितनी बार सोचता है? स्पष्ट करें।
ईश्वर अभी धरती पर आने का निर्णय ले तो वह क्या करेगा? क्या कहेगा?
धार्मिक और आध्यात्मिक मसलों पर मनुष्य जाति में इतने मतभेद क्यों है?
आपकी दृष्टि में ईश्वर का रूप क्या है?
आपकी दृष्टि में ईश्वर क्या है? पुलिस? पितातुल्य? रचनाकार?
मनोविज्ञान और धर्म में क्या अंतर है? क्या दोनों मनुष्य की एक ही जरूरत पूरी करते हैं? कैसे?
कम से कम कौनसी बात ईश्वर के सम्बन्ध में सत्य है?
नैतिक और आस्तिक होने में क्या अंतर है?
क्या विज्ञान मनुष्य की धार्मिक आस्था की आवश्यकता को समाप्त कर देगा? क्यों अथवा क्यों नही?
आपको मिली अब तक की सबसे बड़ी धार्मिक/आध्यात्मिक सलाह क्या है?
आस्थावान होने के गुण दोष बताओ। इसके क्या सकारात्मक/नकारात्मक प्रभाव हो सकते है?
क्या कोई ऐसा भी जगत है? जो मनुष्य की पाँचों इन्द्रियों की पकड़ के बाहर हो? क्यों अथवा क्यों नही?
आस्था क्या है?
ईश्वर के प्रति आस्था अन्धी होनी चाहिए या इसके लिए किसी प्रमाण की तलाश पहले करनी चाहिए?
क्या आपकी आस्था किसी कारण से और ज्यादा बढ़ी है?
धर्मग्रंथों के बिना भी क्या कभी किसी को ईश्वर का साक्षात्कार हो सकता है?
धर्म ग्रंथों का उपयोग क्या है?
आप किस तरह से निर्णय करोगे कि कोई आध्यात्मिक व्यक्ति या धर्मगुरू विश्वसनीय है?
क्या जिस धर्म में आपने जन्म लिया है वह पारिवारिक धर्म पर्याप्त है? या किसी को अपनी पसन्द से दूसरी आस्था का भी चुनाव कर लेना ज्यादा उपयुक्त है?
आपकी आस्थाओं पर आपका परिवार कितना असर डालता है? विस्तार से बताओ।
धार्मिक कर्मकाण्ड़ों की सबसे ज्यादा परेशानी की बात क्या है?
आध्यात्मिक चर्चाओं के लिए एक छोटा ग्रुप जॉइन करना आपके लिए किस तरह फायदेमन्द हो सकता है? क्या परेशानियां खड़ी हो सकती है?
धर्म स्थलों की कौनसी बात आपको सबसे ज्यादा पसन्द है और कौनसी बात सबसे ज्यादा चिढ़ाती है?
आखिर ये जगत बना क्यों है?
अगर आपको अपने धर्म का निर्माण करना हो तो उसक स्वरूप क्या होगा?
आपके अनुसार ईश्वर के रास्ते पर जाने वाले कितने मार्ग होंगे?
आस्था और धर्म में क्या अंतर है?
धर्म चर्चा प्रगतिवादी सामाजिक, वैज्ञानिक, आर्थिक लोगों के बीच अक्सर घृणा का विषय क्यों होजाती है?
क्या नरक की भयानक प्रताड़नाओं के वर्णन, ग्रहों के कुप्रभावों से धर्म अपनी नकारात्मक छवि बनाता है?
ईश्वर से क्षमा मांगने और कृपा पाने के लिए लोग क्या क्या करते है?
जब छोटे थे तो ईश्वर के बारे में कौनसी धारणा थी जो बड़े होने पर आपने बदल ली? कैसे?
ईसाइयों से हमें क्या सीख मिलती है?
दुनिया को सनातन धर्म से क्या सीख मिली है?
कोई धर्म सत्य है या नही इसका निर्णय आप किस आधार पर करते हैं?
क्या प्रार्थना में शक्ति है? स्पष्ट करो।
दुष्टात्माएं कहाँ पैदा होती है?
धरती पर इतना पाप और दुःख क्यों है?
ईश्वर मनुष्य से बात करने के लिए क्या इशारे करता है?
क्या मृतकों से बात की जा सकती है?
क्या शैतानी ताकतों का अस्तित्व है? क्यों? क्यों नही?
धर्म की सबसे भ्रामक बात क्या है? जो आपको विचलित करती है?
अगर ईश्वर सब कुछ कर सकता है तो क्या वह कोई ऐसी चट्टान बना सकता है जिसे वह खुद भी ना उठा सके?
स्वर्ग पाने के लिए कितना अच्छा होना होगा?
क्या कोई निर्णय कर सकता है कि वह स्वर्ग के रास्ते पर चल रहा है? या नर्क के रास्ते पर?
क्या सभी धर्म ईश्वर का मार्ग दिखाते हैं? कैसे?
सब धर्मों के प्रति सहिष्णूता से और सब धर्मों के आदर से क्या आशय है?
क्या आप मानते हैं कि किसी एक धर्म को सौ प्रतिशत सही होने के लिए शेष धर्मों का गलत होना जरूरी है? कैसे?
क्या आप सोचते हैं कि धर्म पर यकीन करें या ना करें अंत तो सब का एक जैसा होना है? स्पष्ट करें।
अगर धार्मिक आदमी आपको धर्म सिखाने लगे तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी?
तन्त्र मंत्र यंत्र क्या है?
कोई कैसे निश्चित कर सकता है कि उसका धर्म सही है?
चमत्कार की धारणा क्या है?
अगर आपके जीवन में कोई असम्भव घटना आपके अनुकूल हो जाए तो क्या आप चमत्कारों में यकीन करोगे? क्यों? क्यों नही?
ज्यादातर लोग चमत्कारों पर यकीन क्यों नही कर पाते?
क्या देवताओं और राक्षसों का अस्तित्व है? वे कैसे होते है?
देवता कैसे होते हैं? वे धरती पर क्या करते हैं?
आपको यकीन है कि आपका कोई अदृष्य सहायक है?
ईश्वर का सबसे बड़ा आदेश क्या है?
सबसे बड़ा पाप क्या है?
कुछ लोग विचलित क्यों हो जाते हैं जब उनसे आध्यात्मिक विषयों पर बात की जाती है?
कौनसे कारक हैं जिन्होंने ईश्वर के बारे में आपकी वर्तमान धारणा बनाई?
ईश्वर हमसे क्या चाहता है?
ईश्वर से मांगे जाने वाले अपने तीन वरदान बताओ।